टाइटैनिक के मलबे को देखने जाएगी एक और पनडुब्बी

12 हजार फीट गहराई में उतरेगी ट्राइटन सबमरीन

टाइटैनिक के मलबे को देखने जाएगी एक और पनडुब्बी

टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी के समुद्र में फटने के 11 महीने बाद, अब अमेरिका के एक और अरबपति ऐसा करने जा रहे हैं। अमेरिका के रियल एस्टेट अरबपति लैरी कॉनर ट्राइटन सबमरीन के को-फाउंडर पैट्रिक लाहे के साथ इस यात्रा पर जाएंगे।

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इसके लिए कॉनर ने ट्राइटन 4000/2 एक्सप्लोरर नाम के एक सबमर्सिबल डिजाइन की है। इसकी कीमत 166 करोड़ रुपए है। यह समुद्र में 4 हजार मीटर की गहराई तक जा सकती है, जिसे देखते हुए इसका नाम '4000' रखा गया है। ट्राइटन पनडुब्बी अपनी यात्रा पर कब जाएगी, इसकी तारीख फिलहाल सामने नहीं आई है।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में लैरी ने कहा, "वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि समुद्र ताकतवर होने के साथ कितना बेहतरीन भी है। अगर आप सही कदम उठाएंगे तो एक यात्रा जीवन को लेकर आपका नजरिया बदल सकती है।"

ट्राइटन पनडुब्बी के को-फाउंडर पैट्रिक ने WSJ को दिए इंटरव्यू में कहा, "पिछले साल जब टाइटन पनडुब्बी में विस्फोट हुआ था तब कॉनर ने मुझे फोन करके कहा था कि हमें एक नई पनडुब्बी बनानी होगी। यह यात्रियों को टाइटैनिक के मलबे तक सुरक्षित ले जाने में सक्षम होनी चाहिए। हमें यह साबित करना होगा की टाइटन की पनडुब्बी में खामी थी, लेकिन असल में यह यात्रा उतनी खतरनाक नहीं है।"

इससे पहले पिछले साल 18 जून को टाइटन सबमरीन अटलांटिक महासागर में 12 हजार फीट नीचे गई थी। इसके ठीक बाद यह लापता हो गई थी। 4 दिन की मशक्कत के बाद 22 जून को इसका मलबा टाइटैनिक जहाज से 1600 मीटर दूर मिला था। इसमें 4 टूरिस्ट और एक पायलट सवार था।

टाइटन पनडुब्बी 18 जून की शाम करीब 5:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अटलांटिक महासागर में छोड़ी गई थी। ये 1:45 घंटे बाद लापता हो गई थी। अनुमान लगाया गया था कि पनडुब्बी में विस्फोट हुआ था। अमेरिकी नेवी के एक अफसर के मुताबिक, टाइटन पनडुब्बी की आखिरी लोकेशन टाइटैनिक जहाज के पास से ही रिकॉर्ड की गई थी। लापता होने के कुछ देर बाद रडार पर विस्फोट से जुडे़ कुछ सिग्नल भी मिले थे।

पनडुब्बी ओशन गेट कंपनी की टाइटन सबमर्सिबल थी। इसकी साइज एक ट्रक के बराबर थी। ये 22 फीट लंबी और 9.2 फीट चौड़ी थी। पनडुब्बी कार्बन फाइबर से बनी थी​​​​​​। टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए प्रति व्यक्ति 2 करोड़ रुपए फीस ली गई थी। ये सबमरीन समुद्र में रिसर्च और सर्वे के भी काम आती थी।

टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक ओशन में मौजूद है। ये कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के सेंट जोन्स से 700 किलोमीटर दूर है। मलबा महासागर में 3800 मीटर की गहराई में है। पनडुब्बी का ये सफर भी कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से ही शुरू होता है। ये 2 घंटे में मलबे के पास पहुंच जाती है।

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