शुभकरण की मौत पर पारिवारिक विवाद शुरू:मां ने बेटे का संस्कार करने को कहा; बहन बोली- 17 साल बाद आई याद
Shubhkaran Singh Death Funeral
Shubhkaran Singh Death Funeral
किसान आंदोलन के दौरान 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर हुई झड़प में मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के संस्कार को लेकर पारिवारिक विवाद शुरू हो गया है। शुक्रवार शुभकरण की मां अचानक रजिंद्रा अस्पताल पहुंच गई और बेटे का चेहरा देखने व संस्कार की मांग करने लगी। वहीं, दूसरी तरफ शुभकरण की बहन ने अपनी मां पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रजिंद्रा अस्पताल पटियाला पहुंची मां वीरपाल कौर उर्फ सुखविंदर कौर ने कहा कि मुझे किसी ने पूछा ही नहीं, मुझे पहले जीते जी मार दिया। ना वो किसी किसान जत्थेबंदी (संगठन) में हैं और ना ही उन्हें उनका पता है। उसके बेटे को मिट्टी होने दो। क्यों उसे रोल रहे हो। वीरपाल कौर ने अपने रिश्तेदारों पर भी आरोप लगाया कि सभी पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।
वीरपाल कौर और शुभकरण की नानी ने बताया कि दो दिन पहले फोन से उसे अपने बेटे के मरने का पता चला था। दो दिन वे सदमें में रही। हमारे पास कोई साधन नहीं है। शुक्रवार वे किसी तरह हिम्मत कर अपनी मां को लेकर पटियाला पहुंची है। वे चाहती है कि उसके बेटे के अंतिम दर्शन उसे करवा दिए जाएं। इसके बाद उसके बेटे का दाह-संस्कार कर दिया जाए।
जिस पर शुभकरण की बड़ी बहन गुरप्रीत कौर ने अपनी मां पर सवाल खड़े किए हैं। शुभकरण की बहन गुरप्रीत का कहना है कि ये वही मां है जो 17 साल पहले तीनों बच्चों को छोड़ अपनी मां के पास चली गई थी। शुभकरण 2 साल का था, जब मां घर छोड़ कर चली गई। इतने सालों के बाद जब उसका भाई मारा गया है तो इन्हें याद आ गई है।
नानी ने कहा- मुझसे करता था बात
शुभकरण की नानी भी इस दौरान वीरपाल कौर के साथ थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शुभकरण के परिवार में नशा चलता था। उसकी बेटी को पुलिस ना पकड़ ले, इसके डर से वे उसे साथ ले गई थी। बच्चे उसके गांव में पिता के साथ ही रहे। वहीं, नानी ने दावा किया कि शुभकरण की उसके साथ बात होती थी। कई बार उसके साथ वे रह कर भी जाता था। जबकि शुभकरण की बहन ने इससे साफ इनकार कर दिया है।
मां वीरपाल कौर ने बताया कि शुभकरण को वे किसान आंदोलन में जाने से रोकती थी। दिल्ली आंदोलन के समय भी उसे रोका था, लेकिन वे चला गया।
किसान नेता अड़े, FIR के बाद ही होगा पोस्टमॉर्टम
वहीं, दूसरी तरफ शुभकरण का तीसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। किसान नेताओं का पेच FIR करने को लेकर अड़ गया है। पुलिस FIR दर्ज ना करने के लिए जो तर्क दे रही है, किसान उसे मानने को तैयार नहीं है। पुलिस का दावा है कि शुभकरण का शव पुलिस हरियाणा की हद से उठा कर लाई है। जिसके चलते FIR हरियाणा पुलिस ही दर्ज कर सकती है।
किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा पुलिस के जवानों ने पंजाब की सीमा में घुसकर उनके ट्रैक्टरों और गाड़ियों के साथ तोड़-फोड़ की इसलिए पंजाब पुलिस हरियाणा पुलिस पर एक्शन ले। किसान नेताओं ने दोटूक कहा कि जब तक हरियाणा पुलिस के खिलाफ पंजाब में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता, तब तक वह शुभकरण के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे।
वहीं किसान संगठनों ने कल शुभकरण को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकालने की घोषणा भी की है।
सीएम ने कहा- परिवार को एक करोड़ देंगे
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर शुभकरण के परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने लिखा- ‘खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फर्ज निभा रहे हैं।’
हाईकोर्ट भी पहुंचा शुभकरण का मामला
शुभकरण का मामला पंजाब – हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। एडवोकेट हरिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में शुभकरण की मौत की जांच के लिए एप्लिकेशन दायर की है। एडवोकेट हरिंदर सिंह ने बताया कि किसी को भी पंजाब पुलिस की जांच पर यकीन नहीं है। इसलिए कोर्ट के समक्ष शुभकरण की मौत की जांच रिटायर्ड जज से करवाने के लिए कहा गया है। जिसकी सुनवाई 29 फरवरी को होगी।
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