भारत की एक और बेटी ने रचा इतिहास। जानिए कौन है लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी
वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ साइंस की पुरानी छात्रा सोफिया कुरैशी इन दिनों पूरे देश में चर्चा में हैं। उन्होंने भारतीय सेना में अपने अच्छे काम और नेतृत्व से यह साबित कर दिया है कि भारत की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। इस हमले से यह भी साफ हो गया कि भारत में जाति, धर्म या रंग-रूप से ऊपर उठकर देशभक्ति सबसे बड़ी चीज मानी जाती है।
फैकल्टी ऑफ साइंस के डीन प्रोफेसर विपुल कलामकर ने कहा कि सोफिया कुरैशी हमारी फैकल्टी की छात्रा रही हैं और आज हमें उन पर गर्व है। यह पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मुस्लिम महिला को इस तरह की जिम्मेदारी देकर यह साबित किया कि देश में योग्यता ही सबसे बड़ा मापदंड है। सोफिया ने यह अवसर पूरी निष्ठा और साहस के साथ निभाया। जब भी सोफिया वडोदरा आएंगी, विश्वविद्यालय की ओर से उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।”
सोफिया के पुराने साथी और फैकल्टी ऑफ साइंस के छात्र देवेश सुथार ने उन्हें याद करते हुए कहा, “सोफिया एक बहुत ही मिलनसार और दृढ़ इच्छाशक्ति वाली महिला थीं। आर्मी के प्रति उनका लगाव कॉलेज के दिनों से ही साफ नजर आता था। वे हमेशा अनुशासित रहती थीं और कठिन परिश्रम करने में विश्वास रखती थीं। आज उन्होंने जिस मुकाम को हासिल किया है, उससे न सिर्फ हमारा विश्वविद्यालय बल्कि पूरा वडोदरा गौरवान्वित है।”
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सोफिया कुरैशी की इस कामयाबी से देश के युवाओं में काफी जोश और उत्साह दिख रहा है। उनके विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने कहा है कि सोफिया ने यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान के अंदर हिम्मत और मेहनत करने की इच्छा हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता। सोफिया के इस बहादुरी भरे काम ने ना सिर्फ भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अब बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा मौका और हक मिलना चाहिए।