प्री-डायबिटीज के शुरुआती संकेतों को समझें, अभी से कर लें कंट्रोल नहीं तो जिंदगी भर करना पड़ेगा अफसोस
डायबिटीज एक बढ़ती बीमारी है, जो पूरे देश में फैल रही है। इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डायबिटीज होने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है, जिसे प्री-डायबिटीज के संकेत कहा जाता है। इसमें आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से थोड़ा ज्यादा होता है। हार्वर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्री-डायबिटीज के 10% लोगों को टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना रहती है। चलिए समझते हैं प्री-डायबिटीज के शुरुआती संकेत कैसे होते हैं और इन्हें कंट्रोल कैसे कर सकते हैं।
ज्यादा प्यास लगना- प्री-डायबिटीज में इंसान को बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। क्योंकि, शरीर में ग्लूकोज की मात्रा शुगर की वजह से ज्यादा होने लगती है। इसलिए, किडनी बार-बार इसे फिल्टर करती रहती है, जिससे आप डिहाइड्रेट महसूस कर सकते हैं।
बार-बार पेशाब आना- इन दोनों कारकों का संबंध एकसाथ ही है। किडनी ग्लूकोज फिल्टर करने के लिए यूरिन का सहारा लेती है, इसलिए आपको बार-बार पेशाब आता है और इस कारण ही आप बार-बार पानी पीते हैं।
थकान- डायबिटीज की शुरुआत होने से पहले शरीर में थकावट होना कॉमन है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर ग्लूकोज को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता है जिसके चलते शरीर में एनर्जी कम बनती है और आप थका हुआ महसूस करते हैं।
वजन बढ़ना- प्री-डायबिटीज के लक्षण में अचानक वजन बढ़ना शामिल है। इंसुलिन के डिसबैलेंस के चलते शरीर में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं जिससे वजन बढ़ने लगता है।
स्किन के कलर में बदलाव- शरीर के कुछ अंगों में स्किन का रंग काला पड़ने लगता है, जैसे गले के आस-पास या बाहों के आस-पास।
मूड स्विंग्स- ज्यादा भूख लगना और मूड स्विंग्स होना भी इस बात का संकेत है कि आपको डायबिटीज हो सकती है। इंसुलिन के उतार-चढ़ाव के चलते मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव पड़ता है और इंसान चिड़चिड़ा और भूखा रहने लगता है।
डायबिटीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है। इसलिए, इसे कंट्रोल तभी किया जा सकता है, जब आप अपने डेली रूटीन में कुछ बदलाव करेंगे। जैसे :-
अच्छा बैलेंस्ड आहार खाएं- अपनी डाइट में सब्जियों, ताजे फलों को शामिल करें। प्रोटीन और साबूत अनाज खाने से भी प्री-डायबिटीज की रोकथाम हो सकती है।
एक्सरसाइज- प्री-डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए शारीरिक व्यायाम करना जरूरी है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। आपको एक दिन में कम से कम 1 घंटे कोई न कोई एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए।
वेट मैनेजमेंट- शुगर की रोकथाम के लिए शरीर का वजन कम होना भी जरूरी है। जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है, उन्हें टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क ज्यादा रहता है। वजन घटाने के लिए संतुलित आहार खाना और एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकते हैं।
नींद- किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए नींद अच्छी होना जरूरी है। इसलिए, पर्याप्त नींद जरूर लें। रात में लगभग 7-8 घंटे की नींद रोज लेने से हार्मोन बैलेंस किया जा सकता है। इससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
स्ट्रेस- तनाव लेने से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रेस, शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है, जो डायबिटीज के लिए हानिकारक है।