हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग मर रहे है लिवर की इस बीमारी से , अभी तक नहीं मिल पाया
हर साल लाखों लोग बीमारियों के चलते अपनी जान गंवा देते हैं। कई की खोज में साइंटिस्ट लगे रहते हैं। 2016 में एंटीवायरल दवा सोवाल्डी को एफडीए की मंजूरी मिली थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरल हेपेटाइटिस के दो सबसे आम संस्करणों, B और C को खत्म करने का लक्ष्य रखा था। उनका लक्ष्य था कि वो इसे 2030 तक बहुत हद तक कम कर देंगे। नए आंकड़ें देखें तो उसमें संक्रमणों में 90 प्रतिशत और मौतों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वही, लक्ष्य रखने से एक साल पहले ही हेपेटाइटिस बी और सी से 13 लाख लोगों की मौत हो गई थी।
जिस तरह से इसको खत्म करने के लक्ष्य के साथ काम शुरू किया गया था, वो इस तरह से चल नहीं पा रहा है। शुरुआत में थोड़ी गिरावट के बाद दुनिया भर में हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की संख्या फिर से बढ़ रही है। WHO के अनुसार, 2019 में 1.1 मिलियन ( 11 लाख) से 2022 में 13 लाख तक मौतें हुईं। नए संक्रमण के मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई, लेकिन मृत्यु दर को कम होने से ये खत्म नहीं हो रहा है। अभी भी लगभग 6,000 लोगों में हेपेटाइटिस B या C का इलाज किया जा रहा है, और इन संक्रमणों से हर दिन 3,500 से ज्यादा लोग मर रहे हैं।
हेपेटाइटिस बी फाउंडेशन की अध्यक्ष चारी कोहेन ने इसमें अपना शोध शुरू किया। इनका कहना है कि उन्होंने सोचा था कि इतने सालों बाद वो एक अच्छी जगह पर होंगी लेकिन इन बीमारियों को खत्म करने में कई बाधाएं सामने आ रही हैं। जिसमें सबसे ज्यादा समस्याएं अफ़्रीका और दक्षिण एशिया में आती हैं। हेपेटाइटिस सी का इलाज तो खोज लिया गया है, लेकिन हेपेटाइटिस बी का इलाज अभी भी ढूंढ रहे हैं। इसके इलाज में आ रही सभी चुनौतियों को हल करते हुए आग बढ़ रहे हैं लेकिन ये अभी भी 2030 तक अपने लक्ष्य को पूरा करने से बहुत पीछे हैं।
रिपोर्ट्स की मानें तो अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2040 तक हेपेटाइटिस बी और सी से मरने वाले लोगों की संख्या वैश्विक स्तर पर HIV और मलेरिया से मरने वाले लोगों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी।
क्या है हेपेटाइटिस?
हेपेटाइटिस लिवर का एक इंफेक्शन होता है। जो फैटी लिवर, शराब के दुरुपयोग या कोई दवाओं के कारण भी हो सकता है। इससे लिवर कैंसर भी हो सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की मौत हो सकती है। हेपेटाइटिस बी और सी शरीर में तरल पदार्थों के संपर्क में आने फैलता है। ये सूईयों और शारीरिक संबंध बनाने से भी होता है। हेपेटाइटिस बी शरीर में पहुंचता है तो वो डीएनए में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे खोज नहीं पाती और ये शरीर में ही रह जाता है।