पंजाब-हरियाणा जल विवाद:हाईकोर्ट ने केंद्र, हरियाणा और BBMB को भेजा नोटिस,
पानी के मुद्दे पर आज एक बार फिर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें पंजाब सरकार ने बड़ी जीत हासिल की है। पंजाब सरकार द्वारा पानी के मुद्दे पर की गई पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट ने आज भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड, केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। पानी के बंटवारे को लेकर बीबीएमबी अध्यक्ष के बदले रुख पर भी कोर्ट ने जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट ने पूछा कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी क्यों चाहिए? इसके लिए बीबीएमबी और हरियाणा सरकार दोनों को स्पष्टीकरण देना होगा। फिलहाल कोर्ट ने दोनों से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी। याचिका में पंजाब ने दावा किया कि केंद्रीय गृह सचिव के साथ हुई बैठक को औपचारिक बताकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गई। बैठक को लेकर कोई आधिकारिक मिनट्स उपलब्ध नहीं कराए गए। केंद्र सरकार ने इसका केवल डिस्कशन रिकॉर्ड पेश किया।
पंजाब ने आगे कहा कि जब पानी छोड़ने का निर्णय ही नहीं हुआ तो आदेश कैसे लागू होगा? बीबीएमबी चेयरमैन ने प्रक्रिया पूरी होने से पहले हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय किया जो कि अवैध है।
बता दें कि हर साल 21 मई को यह निर्णय लिया जाता है कि बीबीएमबी से संबंधित राज्यों को कितना पानी मिलेगा? इसके बाद हर महीने राज्य की मांग के अनुसार पानी छोड़ा जाता है। हरियाणा पंजाब से इसलिए पानी अधिक मांग रहा है कि क्योंकि वह कह रहा है कि राज्य में पानी की भारी कमी है। यह मांग हरियाणा में बीबीएमबी की बैठक में रखी जिसका पंजाब ने विरोध किया।
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पंजाब का कहना है कि हरियाणा अपने हिस्से के पानी का आवंटन कर चुका है ऐसे में 21 मई के बाद नए सिरे पानी का आवंटन होगा तो हरियाणा को उसका हिस्सा मिलना शुरू हो जाएगा। ऐसे में पंजाब सरकार हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर एक सप्ताह का समय निकालना चाहती है ताकि जब नए सिरे से पानी का आवंटन होगा तो हरियाणा को उसका हिस्सा मिलना शुरू हो जाएगा।