साउथ कोरिया में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक , राष्ट्रपति ने सभी एयरलाइन की जांच का दिया आदेश

साउथ कोरिया में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक , राष्ट्रपति ने सभी एयरलाइन की जांच का दिया आदेश

साउथ कोरिया में प्लेन क्रैश हादसे के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने सोमवार को देश में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने सभी एयरलाइन सिस्टम की जांच के आदेश दिया है।

रविवार को बैंकॉक से आ रहा जेजू एयर का बोइंग 737-800 प्लेन मुआन एयरपोर्ट पर लैंड कर रहा था, लेकिन गियर में खराबी की वजह से इसके पहिए नहीं खुले। बेली लैंडिंग की कोशिश में प्लेन क्रैश कर गया जिसमें 179 लोगों की मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में जान गंवाने वालों में 84 पुरुष और 85 महिलाएं हैं। जबकि 10 शवों के जेंडर पता नहीं चल पाया। मरने वालों में से 146 लोगों की पहचान कन्फर्म हो चुकी है, बाकी बचे लोगों की पहचान जानने के लिए DNA टेस्ट किया जाएगा।

हादसे में जिंदा बचे दोनों क्रू मेंबर का इलाज जारी है। होश में आने के बाद दोनों गहरे सदमें है। उन्हें हादसे को लेकर साफ तौर पर कुछ भी याद नहीं है।

कोरियन टाइम्स के मुताबिक हादसे में बच गए दोनों क्रू मेंबर पैसेंजर्स की मदद के लिए प्लेन के पिछले हिस्से में तैनात थे। इनमें से एक 32 साल के ली सदमे में हैं। वे बार-बार पूछ रहे हैं कि उन्हें क्या हुआ है? और वह यहां क्यों हैं? डॉक्टर का कहना है कि ली के बाएं कंधे में फ्रैक्चर और सिर में चोटें आईं हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य स्थिर हैं।

 

25 साल की फ्लाइट अटेंडेंट क्वोन भी हादसे में बाल-बाल बच गईं। उनका भी हॉस्पिटल में इलाज जारी है। क्वोन को भी हादसे के बारे में कुछ याद नहीं है। उन्होंने अपने सिर, टखने और पेट में तेज दर्द की बात कही है। डॉक्टर्स ने कहा कि क्वोन की चोटें गंभीर हैं लेकिन जान को कोई खतरा नहीं है।

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एक्सपर्ट्स ने बताया कि विमान में टेकऑफ और लैंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पहिए पूरी तरह से नहीं खुल पाए थे। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि इनके न खुलने की वजह क्या थी।

हादसे से कुछ देर पहले पायलट ने मेडे का अलर्ट भी भेजा था। पायलट मेडे शब्द का इस्तेमाल इमरजेंसी की स्थिति में करते हैं।

वहीं ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने बताया कि हादसे वाली जगह से दो ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा और वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि इन्हें काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है, जिस वजह से इसे राजधानी सियोल के एलनाइज सेंटर भेजा जाएगा। जरूरत पढ़ने पर इसे अमेरिका भी भेजा जा सकता है।

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