केरल के कर्ज पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र का जवाब; कहा- देश की क्रेडिट रेटिंग पर होता है असर
Debts of states affect credit rating
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राज्यों द्वारा उधार लेने पर लगाई सीमा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि राज्यों द्वारा लिए जा रहे अनियंत्रित कर्ज से पूरे देश की क्रेडिट रेटिंग पर असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के सामने रखे गए 1 नोट में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि सार्वजनिक वित्त प्रबंधन एक राष्ट्रीय मुद्दा है।
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अगर राज्य खराब लक्षित सब्सिडी के वित्तपोषण के लिए बेतरतीब ढंग से कर्ज लेते रहेंगे तो इसके चलते बाजार से निजी उधार बाहर हो जाएगा। राज्यों का कर्ज देश की क्रेडिट रेटिंग को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इससे देश की वित्तीय स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी। नोट में कहा गया कि राज्य द्वारा लगातार लिए जा रहे उधार उसकी ऋण देयता में वृद्धि करेगा, जिससे विकास के लिए धन की उपलब्धता कम हो जाएगी। केरल के कर्ज पर लगाए गए प्रतिबंधों पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही। कोर्ट में दिए गए केंद्र के नोट में कहा गया कि राज्यों की ऋण देनदारी गरीबी को जन्म दे सकती है। वेंकटरमणी ने कहा कि सभी राज्यों को किसी स्त्रोत से उधार लेने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि अनुमति देते समय केंद्र सरकार पूरे देश की व्यापक आर्थिक स्थिरता के समग्र उद्देश्यों को ध्यान में रखती है और अनुच्छेद 293(4) के तहत इसकी अनुमति मांगने वाले राज्य के लिए उधार लेने की सीमा तय करती है।
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