बीजेपी सरकार ने मीडिल क्लास को नई गाड़ियां खरीदने के लिए किया मजबूर'- मनीष सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली की सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए बीजेपी सरकार का तुगलकी फरमान बीजेपी और ऑटो कंपनियों के बीच सांठगांठ का परिणाम है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी ऑटो कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली के 61 लाख मीडिल क्लास को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर कर रही है. जबकि इनमें से कई गाड़ियां बहुत कम चली हैं और प्रदूषण भी नहीं कर रहीं हैं, लेकिन बीजेपी सरकार उनको खराब बताकर स्क्रैप करने को कह रही है. उन्होंने कहा कि फुलेरा की पंचायत वाली सरकार के इस फैसले से सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियों, स्क्रैप डीलर, हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा.
आम आदमी पार्टी की तरफ से मांग की गई है कि सरकार पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर तेल नहीं देने के आदेश तुरंत वापस ले. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों के लिए उनकी कार, मोटरसाइकिल चलाना मुश्किल कर दिया है.
बीजेपी सरकार की फुलेरा की नई पंचायत कहते हुए कहा है कि यह आदेश 10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा लेकिन यह बहाना प्रदूषण का है, लेकिन निशाना दिल्ली के आम आदमी को लूटने का है. दिल्ली में 18 लाख कारें और 41 लाख बाइक हैं. कुल 61 लाख परिवारों के वाहन पर बीजेपी सरकार के इस फैसले की वजह से गाज गिर रही है.
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मनीष सिसोदिया कहा कि अगर बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के आदेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के अधिकार रोकने के लिए रातों-रात अध्यादेश ला सकती है तो क्या वह दिल्ली के 61 लाख परिवारों को राहत देने के लिए कुछ नहीं कर सकती है. बीजेपी कोर्ट का बहाना लेकर दिल्ली के लोगों को लूट रही है.