सैनिटाइजर या साबुन-पानी, हाथों की सफाई के लिए क्या है बेहतर?

सैनिटाइजर या साबुन-पानी, हाथों की सफाई के लिए क्या है बेहतर?

हर साल लाखों मरीज और स्वास्थ्यकर्मी अस्पतालों में होने वाले संक्रमणों से प्रभावित होते हैं। इनमें से कई संक्रमण ऐसे होते हैं, जिन्हें आसानी से रोका जा सकता है। अक्सर ये संक्रमण ऐसे कीटाणुओं के कारण फैलते हैं, जो एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस विकसित कर चुके होते हैं, जिससे अस्पतालों में गंभीर बीमारियों या संक्रमणों का प्रकोप फैल सकता है। विश्व हाथ स्वच्छता दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है, जो हर साल 5 मई को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में हाथ की स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कोरोना के बाद से ही लोगों के बीच हाथों की सफाई का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अब लोग पहले से अधिक हाथों को साबुन की मदद से साफ करते हैं और बाहर सेनिटाइजर यूज करते हैं।

क्या है थीम?
इस वर्ष, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे 2025 के लिए थीम दी है- “It might be gloves, it’s always hand hygiene”, इसका मतलब है- ग्लव्स जरूरी हो सकते हैं, लेकिन हाथों की सफाई हमेशा अनिवार्य है। इस उद्देश्य का सीधा संदेश यह है कि जहां दस्ताने पहनना जरूरी हो सकता है, वहीं हाथों की स्वच्छता बनाए रखना उससे भी ज्यादा आवश्यक हो सकता है।

ग्लव्स पहनना संक्रमण से पूरी तरह नहीं बचा सकता, जब तक हम सही तरीके से हाथ धोने की आदत न अपनाएं। साफ हाथों का मतलब है सुरक्षित अस्पताल और सुरक्षित घर। यह याद रखना जरूरी है कि ग्लव्स सिर्फ एक बैरियर हैं, लेकिन हाथों की सफाई हमारी पहली और सबसे अहम डिफेंस लाइन है। ग्लव्स की बाहरी सतह पर भी संक्रमण के कण मौजूद हो सकते हैं, इसलिए हर काम से पहले और बाद में हाथ धोना जरूरी माना जाता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. रमेश चांदना, लैबोरेटरी और ब्लड बैंक सर्विस, चेयरमैन, एशियन अस्पताल, बताते हैं जैसा कि इस साल की थीम है, ‘It might be gloves, it’s always hand hygiene’। हमें समझना होगा कि हर मरीज की सुरक्षा हमारे हाथों में है। हाथों की स्वच्छता एक साधारण आदत लग सकती है, लेकिन इसका प्रभाव जीवनरक्षक होता है। हम अक्सर सोचते हैं कि सिर्फ ग्लव्स पहन लेना काफी है, लेकिन इसे पहनने से पहले और बाद में हाथ धोना उतना ही जरूरी होता है। खासकर अस्पतालों में यह संक्रमण रोकने की पहली और सबसे जरूरी कड़ी होती है।

लोगों से अपील
हम आम लोगों से भी अपील करते हैं कि कीटाणुओं के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनिटाइज करें। यह न केवल कीटाणुओं को मारने में मदद करता है, बल्कि किसी भी संभावित संक्रमण को फैलने से भी रोकता है। इसलिए हाथों की स्वच्छता को हेल्दी और फिट रहने के लिए प्राइमरी माना जाता है।

WHO की सलाह
WHO के अनुसार, हाथों की स्वच्छता न केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी उतनी ही जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी बाहरी प्रक्रिया करने से पहले और बाद में हमें साबुन और पानी की मदद से हाथ धोना या अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए। 1 मिनट से भी कम का यह काम आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

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हाथ धोना क्यों जरूरी है?
1. बीमारियों से बचाव- डायरिया, सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे संक्रमणों का खतरा कम होता है।

2. सबकी सुरक्षा- बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए संक्रमण का खतरा घटता है।

3. स्वच्छता की आदत- हाथ धोना एक अच्छी और जिम्मेदार आदत होती है, जिसका बढ़ावा करना फायदेमंद होता है।

4. सामुदायिक सुरक्षा- हाथों को धोना सिर्फ खुद नहीं, बल्कि दूसरों को भी संक्रमण से बचाता है।

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