पैरों में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए जरूर करें ये 4 योगासन, दर्द से मिलेगी राहत

पैरों में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए जरूर करें ये 4 योगासन, दर्द से मिलेगी राहत

बुढ़ापे में पैरों में दर्द होना बहुत ही आम बात है। लेकिन अब यह समस्या 40 साल के बाद से ही लोगों को होने लगती है। इसका मुख्य कारण है आठ से नौ घंटे की जॉब के कारण एक ही जगह बैठे रहना या फिर फिजिकल एक्टिविटी की कमी आदि। इन सबसे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता। ऐेसे में पैरों में दर्द, सूजन और ऐंठन की समस्याएं होने लगती हैं। कुछ योगासन आपके पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा सकते हैं। जिससे आपको काफी आराम मिल सकता है। कुछ योगासन आपके पैरों में रक्त प्रवाह (Yoga for blood circulation in legs) को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं। इससे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं।

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1. ​​विपरीतकरणी आसन

यह आसन सेहत की डबल डोज जैसा है। इससे आपके पैरों में रक्त प्रवाह भी तेज होता है और दिल भी सेहतमंद रहता है। इसे करना बहुत आसान है। इसके लिए एक योगा मैट लें और पीठ के बल लेट जाएं। धीरे-धीरे अपने पैरों को दीवार पर ऊपर उठाएं, हिप्स 90 डिग्री के कोण पर रखें। अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें और अपनी पीठ को फर्श पर सपाट रखें। अपने हाथों को समानान्तर रखें। इस स्थिति में 1 मिनट तक रहें। फिर धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए अपने पैरों को नीचे लाएं।

2. उत्कटासन
चेयर पोज को उत्कटासन भी कहा जाता है। यह आसन पैरों में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह पाचन तंत्र भी सुधारता है। इससे पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें। धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठने जा रहे हों, अपनी पीठ को सीधा रखें। अपनी जांघों को फर्श के समानांतर रखने की कोशिश करें। हाथों को ऊपर उठाएं और नमस्ते की मुद्रा में रखें। इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और फिर नॉर्मल हो जाएं।

3. ​पादहस्तासन
पादहस्तासन को हैंड्स टू फीट पोज भी कहा जाता है। यह आसान पैरों के साथ ही रीढ़ की हड्डी के लिए भी अच्छा है। यह पैरों से हृदय की ओर होने वाले रक्त प्रवाह को बढ़ता है। साथ ही पाचन तंत्र में भी सुधार करता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। आपकी पीठ बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अब गहरी श्वास लें और अपने हाथों को ऊपर उठाएं। अब पैरों की ओर झुकें। अपने धड़ को जितना हो सके जांघों की ओर लाने का प्रयास करें। अब हाथों को अपने पैरों के पास जमीन पर रखने का प्रयास करें। यदि आप जमीन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो टखनों, पिंडली या घुटनों को पकड़ें। इस स्थिति में कुछ देर रुकें, धीमी और गहरी सांस लेते रहें। धीरे-धीरे सीधे खड़े हो जाएं। इसे आप तीन से पांच बार कर सकते हैं।

4. जानु शीर्षासन
अगर आप अक्सर पैरों में ऐंठन और पिंडलियों में दर्द महसूस करते हैं तो यह आसन आपको जरूर करना चाहिए। इसके लिए एक योगा मैट पर एक पैर फैलाकर और दूसरा मोड़कर बैठें। गहरी सांस लें और रीढ़ को सीधा रखें। अब सांस छोड़ें और हिप्स से आगे की ओर झुकें। पैर के अंगूठे या पिंडली तक झुकने की कोशिश करें। इस मुद्रा में करीब 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें। फिर नॉर्मल हो जाएं।

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