डी.आर. एक्स-मशीन लगने से हर दिन होंगे करीब 400 एक्स-रे: शौकत अहमद पारे
बठिंडा, 2 जनवरी: डी.आर. एक्स मशीन से प्रतिदिन करीब 400 एक्स-रे किये जायेंगे. जिससे मरीज को प्राइवेट लैब या अगले दिन बाहर नहीं आना पड़ेगा और उसी दिन पूरा इलाज संभव हो सकेगा। ये विचार श्री शौकत अहमद पारे ने स्थानीय सिविल अस्पताल में स्थापित डीआर (डबल डिटेक्टर) एक्स-रे (एमएआरएस 40 डुअल डिटेक्टर) मशीन के […]
बठिंडा, 2 जनवरी: डी.आर. एक्स मशीन से प्रतिदिन करीब 400 एक्स-रे किये जायेंगे. जिससे मरीज को प्राइवेट लैब या अगले दिन बाहर नहीं आना पड़ेगा और उसी दिन पूरा इलाज संभव हो सकेगा। ये विचार श्री शौकत अहमद पारे ने स्थानीय सिविल अस्पताल में स्थापित डीआर (डबल डिटेक्टर) एक्स-रे (एमएआरएस 40 डुअल डिटेक्टर) मशीन के शुभारंभ के अवसर पर व्यक्त किये। इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ. तेजवंत सिंह ढिल्लों विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब में पीएचएससी के तहत यह पहला जिला अस्पताल है जहां यह मशीन लगाई गई है। इस मशीन से बठिंडा के अलावा आसपास के लोगों को भी काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1000 मरीज आते हैं, जिनमें से करीब 300 मरीजों को एक्स-रे कराने की जरूरत होती है, लेकिन मशीन सी.आर. क्योंकि इतने सारे एक्स-रे कराना संभव नहीं था, जिससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।
सिविल सर्जन डाॅ. इस मशीन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के एमडी की मंजूरी से यह मशीन रोगी कल्याण समिति के फंड से खरीदी गई है. उन्होंने बताया कि यह पूरा डीआर सिस्टम 55 से 60 लाख रुपये में लगाया जाता है, लेकिन पुरानी सीआर मशीन के कुछ पार्ट्स का इस्तेमाल कर इसे करीब 24 लाख रुपये में खरीदा गया है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल बठिंडा में पहले से चल रहे 2 सीआर सिस्टम में से एक को डीआर सिस्टम के रूप में चलाया जाएगा और दूसरा सीआर सिस्टम पहले की तरह चलता रहेगा।
इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि पहले जिला अस्पताल बठिंडा के लिए एचपीसीएल, एचएमईएल और ट्रांसएशिया की ओर से सीएसआर स्कीम के तहत अस्पताल को करीब 2.25 करोड़ रुपये के मेडिकल उपकरण दिए गए थे, लेकिन यह डीआर एक्स रे मशीन अस्पताल के मरीज से खरीदी गई है। कल्याण समिति।
इस बीच, उप चिकित्सा आयुक्त डाॅ. रमनदीप सिंगला और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सतीश जिंदल ने बताया कि इस मशीन से मरीजों और रेडियोग्राफरों पर रेडिएशन का असर पहले की तुलना में आधा रह जाएगा।