चुनाव में गलत जानकारी दी तो दर्ज होगा केस

हलफनामे को लेकर HC ने स्पष्ट की स्थिति

चुनाव में गलत जानकारी दी तो दर्ज होगा केस

चुनाव में हलफनामे में गलत जानकारी देने पर नेता जी के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने झज्जर के बादली से कांग्रेस MLA कुलदीप वत्स के एक मामले में सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं।

कुलदीप वत्स पर विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान गलत जानकारी देने का आरोप लगा है। इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव में हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश ऊर्फ जेपी पर भी गलत जानकारी देने का आरोप लगा है। इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से की गई है।

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हाईकोर्ट ने कुलदीप वत्स वाले मामले की सुनवाई जुलाई माह तक स्थगित कर दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार द्वारा गलत हलफनामा दायर करने पर छह महीने तक की सजा और फाइन लगाया जाएगा।


हाईकोर्ट के अनुसार अगर गलत हलफनामा के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125ए के तहत मुकदमा चलाया गया है, फिर भी यह चुनाव को रद्द करने या अयोग्यता घोषित करने का आधार नहीं है।

हालांकि, हाईकोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया हुआ है। इस मामले में पूर्व विधायक नरेश कुमार ने अपनी याचिका में बादली विधायक कुलदीप वत्स को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने और उनसे ब्याज सहित सभी आर्थिक और आर्थिक लाभ वसूलने के निर्देश देने की मांग की है।


कुलदीप वत्स वाले मामले में हाईकोर्ट में जो याचिका लगाई गई है उसके अनुसार, कांग्रेस विधायक वत्स ने हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र के साथ दायर हलफनामे में जानबूझकर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है। याचिका में धोखाधड़ी, जालसाजी, झूठी गवाही और विश्वासघात के अपराध करने के लिए उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आगे के निर्देश भी मांगे गए हैं।

याचिका के अनुसार, 2014 के विधानसभा चुनावों में, वत्स ने सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, झज्जर से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण किया था, जो वर्ष 1992 में शिक्षा बोर्ड, भिवानी से संबद्ध था, जबकि वर्ष 2019 में निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के शीर्षक के तहत जानकारी दी, उसने वर्ष 1992 में हरियाणा बोर्ड से मैट्रिक पास की थी।


जेपी पर आपराधिक रिकॉर्ड छिपाने और अपनी इनकम की गलत जानकारी देने के आरोप लगे हैं। अंबाला के वकील राज महक ने हरियाणा के चीफ इलेक्शन ऑफिसर और हिसार के इलेक्शन ऑफिसर को शिकायत भेजी है।अपनी 9 पेज की शिकायत में राज महक ने कहा कि जयप्रकाश ने अपने एफिडेविट में कहा है कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला पेंडिंग नहीं है।

यह बात सरासर गलत है। वर्ष 2004 में जयप्रकाश ने चुनाव लड़ते समय खुद के खिलाफ 5 आपराधिक मामले कोर्ट में विचाराधीन होने की बात कही थी। जब इन तथ्यों को जांचा गया तो सामने आया कि यह सभी मामले आज भी कोर्ट में पेंडिंग हैं।


वकील राज महक का कहना है कि जयप्रकाश ने हिसार में नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपना आपराधिक रिकॉर्ड NIL बताया है, जबकि जयप्रकाश पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, धमकाने और लड़ाई-झगड़े के साथ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हैं। इस तरह के अपराध छिपाना गैर कानूनी है।

जयप्रकाश पर हिसार जिले के बरवाला थाने में वर्ष 2002 में एफआईआर नंबर 265 में धारा 148, 149, 427, 448, 395, 397, 506 और 452 के तहत केस दर्ज है। इसके अलावा कैथल के पुंडरी थाने में भी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज है।


वकील राज मलिक का कहना है कि इसी प्रकार जयप्रकाश ने अपने आय से संबंधित जानकारी भी गलत दी है। जयप्रकाश ने अपने फार्म में 2022-23 और 2023-24 में एक समान 11 लाख 72 हजार आय दर्शाई है।

साथ ही अपनी धर्मपत्नी की वर्ष 2016-17 की आय भी नहीं दिखाई। इसके अलावा भी जयपक्राश ने शपथ पत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं। इसलिए उनका नामांकन पत्र रद्द किया जाए।

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