हरियाणा के शहीद पैराकमांडो पंचतत्व में हुए विलीन जींद में हुआ अंतिम संस्कार
पिता बोले- ऐसा बेटा बार-बार नहीं मिलता
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के लांसनायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन काे जींद में नरवाना के गांव जाजनवाला में अंतिम विदाई दी गई। उनका पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। प्रदीप नैन माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनके चचेरे भाई कुलदीप ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
इससे पहले उनकी पार्थिव देह को सेना की गाड़ी में पैतृक गांव लाया गया। इस दौरान लंबे काफिले के साथ उनकी पार्थिव देह गांव पहुंची। जहां हजारों की भीड़ मौजूद रही।
उन्होंने शहीद की पार्थिव देह पर फूल बरसाए। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग छतों पर चढ़ गए। अंतिम संस्कार से पहले सेना की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी।
शहीद के पिता बलवान सिंह ने कहा कि बेटे की शहादत पर हमें गर्व है। ऐसे बच्चे बार-बार नहीं मिलते। प्रदीप में कमांडो बनने का बड़ा जुनून था। कहता था कमांडो बनकर बताऊंगा। बेटा दिलेर था, उसके अंदर किसी चीज का डर नहीं था। बेटे ने कहा था 15-20 छुट्टी आऊंगा। उन्होंने बताया का बेटे ने 3 भर्तियां ट्राई की। 2 में फेल हो गया था, तीसरी में भर्ती हुआ।
शहीद की पत्नी 3 महीने की गर्भवती हैं। कल रविवार को पति के शहीद होने का पता चलने पर उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि यह दुख के साथ गर्व की बात है। जाजनवाला के वीर सपूत ने आतंकियों से लड़ते अपने प्राण न्यौछावर किए।
आतंकवादियों के खिलाफ आपरेशन में प्रदीप की अहम भूमिका होती थी। प्रदीप ने कभी अपनी जान की परवाह नहीं की। देश की सुरक्षा उसके लिए सर्वोपरि थी। सदियों तक प्रदीप नैन की कुर्बानी को याद रखा जाएगा।
ऐसे जवान बहुत कम पैदा होते हैं। परिवार की सरकार की तरफ से घोषित आर्थिक सहायता की जाएगी।