हरियाणा में वोटिंग में कम दिखा किसानों का विरोध
सिर्फ 4 विस सीटों में 70% से ज्यादा मतदान
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर शनिवार (25 मई) को 65% मतदान हुआ। यह मतदान 2019 के 70.34% के मुकाबले 5% कम है। जाटलैंड से लेकर जीटी रोड बेल्ट तक, सभी इलाकों में पोलिंग % गिरा। ऐसे में रूरल बेल्ट में भाजपा का विरोध कर रहे किसान क्या कोई इंपैक्ट डाल पाए होंगे? इसे लेकर दोनों पार्टियों और राजनीतिक समीक्षकों के अपने-अपने आंकलन हैं।
कम पोलिंग से BJP खुश नजर आ रही है वहीं कांग्रेस के भीतर मायूसी दिख रही है। इसकी वजह ये है कि जिस तरीके से ग्रामीण इलाकों में भाजपा नेताओं का विरोध हो रहा था, उससे कांग्रेस को बंपर वोटिंग की उम्मीद थी। हालांकि ऐसा कुछ खास नजर नहीं आया।
वोटिंग खत्म होने के 13 घंटे बाद, रविवार दोपहर 1 बजे तक इलेक्शन कमीशन के ऑफिशियल वोटर टर्नआउट एप पर अपडेट डाटा के अनुसार, राज्य के सिर्फ 4 विधानसभा हलके ऐसी रहे जहां 70% या उससे अधिक मतदान हुआ। इनमें अंबाला संसदीय हलके के दो (जगाधरी-साढौरा), एक कुरुक्षेत्र (लाडवा) और एक सिरसा संसदीय हलके का (ऐलनाबाद) शामिल रहा।
अगर जाटलैंड की बात करें तो इसमें सोनीपत, रोहतक, हिसार के अलावा भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट का भिवानी जिले वाला इलाका आता है। रोहतक में 64.6%, सोनीपत में 62.3%, भिवानी-महेंद्रगढ़ में 65.3% और हिसार में 64.07% वोटिंग हुई।
इस बार 2019 के मुकाबले सोनीपत संसदीय हलके में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया। यहां पिछले आम चुनाव के मुकाबले 8.82% कम वोटिंग हुई।