कोवीशील्ड वैक्सीन को लेकर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

कोवीशील्ड वैक्सीन को लेकर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। कंपनी के खिलाफ ब्रिटेन हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि कोविड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के साइड इफेक्ट की जांच की जाए। UK की फार्मा कंपनी की इस वैक्सीन का फॉर्मूला इस्तेमाल कर पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोवीशील्ड वैक्सीन बनाई थी।

लीगल वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, याचिका में कहा गया है कि एक एक्सपर्ट मेडिकल पैनल बनाया जाए, जो यह जांच करे कि वैक्सीन ने साइड इफेक्ट्स क्या हैं और खतरा कितना हो सकता है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में याचिका उस महिला के पेरेंट्स ने लगाई है, जिनकी बेटी की मौत कथित तौर पर कोवीशील्ड वैक्सीन लेने के बाद हुई थी। पेरेंट्स तब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जब एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में माना कि उनकी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं, लेकिन यह बेहद रेयर केस हैं।

एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। कंपनी के खिलाफ ब्रिटेन हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।

एस्ट्राजेनेका ने यूके कोर्ट में माना था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत रेयर (दुर्लभ) मामलों में ही होगा। ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।

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