आज़ादी के बाद पंजाब में बनेगी पहली नहर, नाम होगा मालवा नहर
मुख्यमंत्री का पद संभालने से पहले ही भगवंत मान ने इस प्रोजेक्ट का बनाया था विचार
मालवा नहर (Malwa Canal) के चल रहे काम का मुआयना करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिकॉर्ड है कि पिछली किसी भी सरकार ने प्रदेश की इस जरूरत की ओर ध्यान नहीं दिया
श्री मुक्तसर साहिब, 27 जुलाई(जगतार ढंडियाल ) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को कहा कि प्रदेश एक नए इतिहास की कगार पर है क्योंकि प्रदेश के इतिहास में पहली बार दक्षिणी पंजाब की सिंचाई जरूरतों की पूर्ति के लिए नई नहर 'मालवा कैनाल' (Malwa Canal) खोदी जा रही है।
मालवा नहर ( Malwa Canal) के चल रहे काम का मुआयना करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिकॉर्ड है कि पिछली किसी भी सरकार ने प्रदेश की इस जरूरत की ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की इस घोर अनदेखी के कारण धरती के नीचे पानी की अधिक उपयोगिता हुई है, जिसके कारण ज्यादातर ब्लॉक डार्क ज़ोन में बदल गए हैं। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि लगभग 150 किलोमीटर लंबी यह नई नहर प्रदेश, खासकर मालवा क्षेत्र में बेमिसाल तरक्की और खुशहाली के नए युग की शुरुआत करेगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर लगभग 2300 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जो प्रदेश की लगभग दो लाख एकड़ उपजाऊ ज़मीन की सिंचाई जरूरतों की पूर्ति करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने से काफी पहले इस प्रोजेक्ट का विचार बनाया था। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के समुचित विकास और विशेषकर मालवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है।
पिछले शासकों पर व्यंग्य करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंथ के नाम पर वोट मांगने वालों ने कभी भी ऐसा कदम उठाने का प्रयास नहीं की। उन्होंने कहा कि अकाली नेताओं ने ऐसे प्रोजेक्टों , जो आम आदमी की किस्मत बदल सकते थे, को चलाने की बजाए अपने खेतों तक पानी पहुंचाने में ज्यादा रुचि दिखाई। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे जन विरोधी पैंतरे के कारण इन नेताओं को मतदाताओं ने सिरे से खारिज कर दिया और मौजूदा सरकार को बड़ी जीत दी।
मुख्यमंत्री ने व्यंग्य किया कि लोकसभा सदस्य हरसिमरत कौर बादल प्रदेश के पानी की रॉयल्टी मांगने के मुद्दे पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं। उन्होंने लोकसभा सदस्य को याद दिलाया कि 1970 के दशक के बाद लंबे समय तक उनका परिवार पंजाब में सत्ता पर काबिज रहा है लेकिन उन्होंने कभी भी इस मुद्दे को कहीं भी नहीं उठाया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब जब प्रदेश की जनता ने उन्हें राजनीतिक गुमनामी में धकेल दिया है, तब बादल परिवार इस मुद्दे को उठा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समझदार लोग इस परिवार का असली चेहरा जानते हैं और वे उनके अपराधों को कभी भी माफ नहीं करेंगे।