गिद्दड़बाहा उपचुनाव में अकाली दल के वोट बैंक पर कांग्रेस-AAP और भाजपा की नजर

अंतिम दिन कहीं पलट न जाए बाजी

गिद्दड़बाहा उपचुनाव में अकाली दल के वोट बैंक पर कांग्रेस-AAP और भाजपा की नजर

साल 1995 में जिस प्रकार से सत्तारूढ़ कांग्रेस को पटखनी देकर शिरोमणि अकाली दल ने गिद्दड़बाहा सीट को जीतकर वापसी की थी , उसकी पुर्नावृत्ति तीस साल बाद उसी विधानसभा सीट पर हो, ऐसी उम्मीद नहीं लग रही है क्योंकि इस बार विपक्ष एकजुट नहीं है।

गिद्दड़बाहा। साल 1995 में जिस प्रकार से सत्तारूढ़ कांग्रेस को पटखनी देकर शिरोमणि अकाली दल ने गिद्दड़बाहा सीट को जीतकर वापसी की थी , उसकी पुर्नावृत्ति तीस साल बाद उसी विधानसभा सीट पर हो, ऐसी उम्मीद नहीं लग रही है क्योंकि इस बार विपक्ष एकजुट नहीं है।

 

शिरोमणि अकाली दल इन चुनाव में नहीं है और भाजपा और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी दोनों नई पार्टियां हैं, जो चुनावी मैदान में कांग्रेस से दो-दो हाथ कर रही हैं। अकाली दल के मैदान में न होने से तीनों उम्मीदवारों की नजर इसी वोट बैंक पर है।

 

गिद्दड़बाहा में त्रिकोणीय मुकाबला

वहीं, पूरे इलाके में घूमकर अगर दीवारों पर लगे पोस्टबाजी को देखा जाए तो ऐसा लगता है कि लड़ाई तो आम आदमी पार्टी के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों और कांग्रेस की अमृता वड़िंग के बीच है। हालांकि, गिद्दड़बाहा के अनिल शर्मा का कहना है कि मनप्रीत बादल बेशक पोस्टरबाजी में कम दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन वह पिछले चार महीनों से पूरे विधानसभा क्षेत्र के एक-एक घर में जा आए हैं।
वह डोर टू डोर कैंपेन में अमृता और डिंपी से कहीं आगे हैं। मनप्रीत बादल , यहां से चार बार विधायक रह चुके हैं। उससे पहले प्रकाश सिंह बादल भी यहां से विधायक रहे हैं। उनका इस सीट से खास प्यार था।

 

मनप्रीत बादल भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस सीट पर लड़ रहे हैं। इससे पहले वह इसी सीट पर अकाली दल और पीपीपी से लड़ चुके हैं। इस बार किसान यूनियनें उनका विरोध नहीं कर रही हैं जैसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान फरीदकोट से भाजपा उम्मीदवार हंसराज हंस का हो रहा था।

 

गांव बुट्टर शरींह के कुलविंदर सिंह का कहना है कि अनुसूचित जातियों के ग्रुपों में यह बात जोरों-शोरों से उठाई जा रही है कि अब किसान विरोध क्यों नहीं कर रहे? क्या इसलिए क्योंकि इस बार उम्मीदवार अनुसूचित जाति का न होकर जट है?

 

जमकर हो रहा पोस्टरबाजी

गिद्दड़बाहा के चुनावी मैदान में पोस्टरबाजी भी जमकर हो रही है। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के होर्डिंग्स पर धक्के से कब्जे किए जा रहे हैं। कांग्रेस की अमृता वड़िंग को साडी धी साडा माण करके प्रचारा जा रहा है, तो आवाज आए हर दिलों, इस वार डिंपी ढिल्लों या आप दी सरकार, आप दा एमएलए के नारे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरदीप सिंह ढिल्लों के पोस्टरों पर नजर आ रहे हैं।

Gidarbaha Election result

पोस्टरों को देखकर लग रहा है कि दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। मनप्रीत बादल तीसरा कोण बनने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में हरदीप ढिल्लों की ओर से 22 से ज्यादा गांवों में धक्के से अपने सरपंच बनाने का गुस्सा भी लोगों में दिखाई पड़ रहा है, जिसे शांत करने में उनको खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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