1 लाख रिश्वत की आरोपी,हरियाणा की लेडी HCS अफसर बहाल
हरियाणा सरकार ने एक लाख रुपए रिश्वत लेने की आरोपी लेडी HCS अधिकारी मीनाक्षी दहिया को बहाल कर दिया है। उन्हें सरकार की ओर से एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का एडिशनल डायरेक्टर लगाया गया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से उनकी नियुक्ति के ऑर्डर भी जारी कर दिए गए हैं।
मीनाक्षी दहिया के खिलाफ 29 मई 2024 को रिश्वत केस का खुलासा हुआ था। नाम आने के बाद मीनाक्षी दहिया करीब 5 महीने अंडरग्राउंड रहीं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी केस की गंभीरता को देखते हुए HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सितंबर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह जमानत पर हैं।
एक रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने ACB को शिकायत दी थी कि उसे सेवा में रहते हुए विभाग ने चार्जशीट किया था। रिटायरमेंट के बाद उसे नौकरी से जुड़े फायदे नहीं मिले। इसके लिए वह विभाग के पास गया। इस मामले में अधिकारी ने उनके खिलाफ चार्जशीट वापस लेने के लिए मंजूरी दे दी। यह फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव के पास जानी थी। जिसके बाद मंत्री को भेजी जानी थी।
इससे पहले यह फाइल मत्स्य विभाग की तत्कालीन संयुक्त सचिव मीनाक्षी दहिया के पास गई। दहिया ने 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के जरिए उसे पंचकूला ऑफिस में बुलाया। जहां फाइल अप्रूव करने के बदले एक लाख रुपए मांगे गए।
रिटायर्ड अधिकारी ने कहा कि मैं रुपए नहीं देना चाहता था। इसलिए उसने ACB को शिकायत की। हालांकि दहिया ने सीधे रिश्वत नहीं ली। यह एक लाख रिश्वत दहिया के कुक के जरिए ली थी। ACB ने कुक सत्येंद्र सिंह और स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद ACB ने जांच के बाद दहिया को भी केस में नामजद कर लिया। दहिया पर आरोप लगा कि उसने कुक के जरिए यह रिश्वत ली थी।
एसीबी के केस दर्ज करने का पता चलते ही दहिया फरार हो गईं। वह 5 महीने तक गिरफ्तारी से बचती रहीं। वह जमानत के लिए हाईकोर्ट भी गईं लेकिन राहत नहीं मिली। जिसके बाद 21 सितंबर को एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दहिया के खिलाफ इस मामले में कॉल रिकॉर्डिंग भी बड़ा सबूत बनी। जिसे शिकायतकर्ता ने वॉट्सऐप पर एक खास डिवाइस लगाकर रिकॉर्ड किया था।
दहिया के साथ उनके कुक के रिश्वत लेने के सबूत मौजूद: इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में सबूत मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा था कि "पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है।"
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दहिया की गिरफ्तारी जरूरी: हाईकोर्ट ने कहा था कि कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। इसके बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई।