जिले के गांवों को सम्मानित किया जाएगा लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से
मानसा, 01 फरवरी:पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से सिविल सर्जन डॉ. रणजीत सिंह रॉय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं और हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। […]
मानसा, 01 फरवरी:
पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से सिविल सर्जन डॉ. रणजीत सिंह रॉय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं और हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए मानसा जिले के 10 गांवों को पुरस्कृत करने का फैसला लिया गया है. पीसीपीएनडीटी विभाग द्वारा अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और समय-समय पर निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन सेंटरों की रैंडम जांच भी की जा रही है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड स्कैन सेंटरों के रिकॉर्ड की भी जांच की जाती है और रिकॉर्ड सही नहीं होने पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाती है।
जिला परिवार कल्याण अधिकारी-सह-वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी एसडीएच सरदूलगढ़ डाॅ. नवनीत कौर ने कहा कि जिले के अंदर पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है और अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर किसी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करना और कराना दोनों अपराध है. इस अपराध में शामिल डॉक्टर से लेकर जांचकर्ता और वीक्षक तक को समान रूप से दोषी माना जाता है। उन्होंने कहा कि अपराध साबित होने पर पचास हजार रुपये तक जुर्माना और छह माह से तीन साल तक की सजा हो सकती है. उन्होंने कहा कि भ्रूणहत्या मानवता के लिए अभिशाप है और स्वास्थ्य विभाग इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले में आशा कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम. दो बच्चियों वाली गर्भवती माताओं की पहचान कर जल्द से जल्द गर्भवती माताओं का पंजीकरण कराने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई भ्रूण हत्या करता है तो सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
इस अवसर पर डाॅ. प्रविश बच्या विशेषज्ञ, डाॅ. राचमी स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. जीवन सिंगला एमडी, अमित सिंगला कानूनी सलाहकार, दर्शन सिंह धालीवाल उप समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, रेनू पीएनडीटी समन्वयक, हेमा गुप्ता, प्रवीण कुमार टोनी और विनोद कुमार सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।