ख़त्म हुई SYL विवाद पर पंजाब-हरियाणा के CM की मीटिंग , जानिए किस बात पर बनी सहमति
पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर आज 9 जुलाई को दिल्ली में अहम बैठक शुरू हो गई ।केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अगुआई में यह पहली मीटिंग है। मीटिंग के बाद पंजाब के सीए भगवंत मान ने मीडिया से कहा कि मीटिंग बहुत अच्छे माहौल में हुई है।
मीटिंग से एक उम्मीद बनी है, ऊपर का पानी जो इंडस ट्रिटी पाकिस्तान से रद्द हुई है। ऐसे में झेलम का पानी पंजाब नहीं आ सकता है, लेकिन चिनाब और रावी का पानी आ सकता है। पौंग, रंजीत सागर डैम और भाखड़ा डैम में होते हुए यह चलेगा।
चैनल उस पानी का पंजाब है। हमें उस पानी को आगे करने से क्या दिक्कत है? हरियाणा तो हमारा भाई है। हम भैयार कन्हैया के वारिस हैं, जिन्होंने दुश्मनों को पानी पिलाया था। मैंने मंत्री साहब से कहा कि 23 एमएएफ पानी वहां से जाएगा। हम तो दो-तीन एमएएफ के लड़ रहे हैं, तो हमें क्या दिक्कत रह जाएगी? दो-चार नहरें पंजाब बन जाएंगी। इससे आगे पंजाब पहले की तरह रिपेरियन बन जाएगी। उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हालांकि एसवाईएल के मुद्दे पर स्टैंड साफ है।
इससे पहले की बैठकें बिना नतीजे रही थीं। 212 किलोमीटर लंबी इस नहर में हरियाणा का 92 किलोमीटर हिस्सा बन चुका है, जबकि पंजाब के 122 किलोमीटर हिस्से का निर्माण अब तक अधूरा है। यह मीटिंग 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले दोनों राज्यों के बीच सहमति बनाने की कोशिश है।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब को नहर निर्माण का आदेश दिया था, लेकिन 2004 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में कानून पास कर 1981 के समझौते को रद्द कर दिया था।
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इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के सीएम की पहली मीटिंग 18 अगस्त 2020 को हुई थी, जबकि दूसरी मीटिंग 14 अक्टूबर 2022 और तीसरी मीटिंग 4 जनवरी 2023 को हुई थी। लेकिन इनमें कोई सहमति दोनों पक्षों में बन नहीं पाई थी।