‘पंजाब सरकार, तुहाड़े द्वार’ योजना
मोगा, 3 फरवरी – पंजाब सरकार द्वारा लोगों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए ‘पंजाब सरकार, तुहाड़े दुआर’ पहल के तहत 6 फरवरी से विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि नागरिकों को इसका लाभ मिल सके। ये शब्द उपायुक्त श्री कुलवंत सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ शिविरों की तैयारियों को […]
मोगा, 3 फरवरी –
पंजाब सरकार द्वारा लोगों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए ‘पंजाब सरकार, तुहाड़े दुआर’ पहल के तहत 6 फरवरी से विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि नागरिकों को इसका लाभ मिल सके।
ये शब्द उपायुक्त श्री कुलवंत सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ शिविरों की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने आगे बताया कि लोगों की समस्याएं सुनने के लिए ये शिविर सब डिवीजन सत्तर पर जिले के विभिन्न गांवों में आयोजित किए जाएंगे। एक उपमंडल में प्रतिदिन 4 शिविर आयोजित किए जाएंगे। उपमंडल सत्तर पर दो टीमें गठित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व संबंधित एसडीएम व तहसीलदार करेंगे। सुबह का शिविर सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक होगा जबकि दोपहर का शिविर दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगा।
उन्होंने कहा कि इन शिविरों के आयोजन का मुख्य लक्ष्य लोगों को उनके घरों के नजदीक और एक छत के नीचे पंजाब सरकार द्वारा जारी जन कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना और नागरिकों की समस्याओं का तुरंत समाधान सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी विभागों को शिविर में पात्र आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन शिविरों के दौरान विशेष रूप से जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, लाभार्थियों के बच्चों को छात्रवृत्ति, निवास प्रमाण पत्र, अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था आदि, दिव्यांग और आश्रित पेंशन, निर्माण श्रमिकों के संबंध में, जन्म प्रमाण पत्र में नाम परिवर्तन, बिजली बिलों का भुगतान, राजस्व विभाग के रिकॉर्ड का सत्यापन, विवाह पंजीकरण, मृत्यु प्रमाण पत्र की एकाधिक प्रतियां, दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां, ग्रामीण क्षेत्र प्रमाण पत्र, फर्द निर्माण, सामान्य जाति प्रमाण पत्र, शगन योजना, भूमि सीमांकन, एन.आर.आई इसमें प्रमाणपत्रों के प्रतिहस्ताक्षर, पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र के प्रतिहस्ताक्षर, मृत्यु प्रमाणपत्र में परिवर्तन आदि सेवाऐं शामिल हैं।
उन्होंने अधिकारियों को शिविरों के दौरान आम लोगों के साथ अत्यंत प्रेम एवं मित्रतापूर्ण व्यवहार करने के निर्देश दिये। अत्यंत आवश्यक होने पर ही उन्हें कार्यालय बुलाया जाए। किसी भी आवेदक को अकारण परेशान न किया जाये।