आज अमृतसर में ट्रेन रोकेंगे किसान ,पंजाब सरकार को अल्टीमेटम
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से आज से अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर मसला हल हो गया तो आंदोलन कैंसिल हो जाएगा। वहीं आंदोलन से पहले सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। आंदोलन से पहले किसानों की ओर से देवीदास पूरा रेलवे ट्रैक पर तैयारी कर ली गई है। किसान ट्रैक के साइड पर टेंट लगाकर बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक अभी प्रशासन के अधिकारी डीसी और एसएसपी पहुंचे हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से दिए बयान को उनकी सच्चाई बताई है। उन्होंने कहा की खट्टर के मुंह पर खुद ही आ गया कि उन्होंने बड़े बड़े बैरिगेट लगाकर हरियाणा में किसानों को भी रोका है। इसकी असली सच्चाई है कि उनके कारण ही ट्रांसपोर्ट व्यापारी सब रुक गए हैं। खट्टर के मुताबिक इससे हरियाणा के लोग खुश हैं। जबकि पंधेर के मुताबिक इसका फैसला आने वाले चुनावों में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खट्टर को बयानबाजी करने की आदत है पहले भी उन्होंने किसानों के खिलाफ बयान दिया था और फिर माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं कंगना रनोट के बयान पर भी पंधेर ने कहा कि उन्होंने इसे अपना निजी बयान बताया है। जबकि वो सांसद हैं, जिसका बयान निजी नहीं होता। पंधेर के मुताबिक यह सारे बयान भाजपा करवा रही है।
किसानों की ओर से पंजाब सरकार से मांगों को लेकर कल से आंदोलन किया जा रहा है। कल डीसी दफ्तर में धरना दिया गया था। वहीं आज रेल रोकने का अल्टीमेटम है। किसानों की ओर आंदोलन के शहीदों के परिवारों को नौकरी और मुआवजा, शंभू बॉर्डर मोर्चा में लौटते समय बस दुर्घटना में घायल हुए किसान मजदूरों को मुआवजा, पराली समेत लूटपाट, भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याएं और डीएपी की कमी जैसे मुद्दों के हल की मांग की गई थी। इस संबंध में किसानों के मुताबिक मांगों का कोई ठोस समाधान कल नहीं हुआ था।
किसान नेताओं ने कहा कि अफसरशाही का रवैया पूरी तरह से उदासीन रहा, शहीद किसानों के मुआवजे के अलावा किसी भी मांग पर प्रशासन ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर एवं प्रदेश नेता गुरबचन सिंह चाबा ने कहा कि हम रेल का चक्का जाम नहीं करना चाहते। इसी आधार पर हम एक बार फिर सरकार को 12 बजे तक का समय दे रहे हैं। कोई रेल 12 बजे तक नहीं रोकी जाएगी। लेकिन सरकार ने मांग की स्थिति नहीं सुधारी तो हम 12 बजे रेल लाइन काटने को मजबूर होंगे।