मणिपुर के पूर्व CM के घर पर रॉकेट से हमला:1 की मौत, 5 घायल

मणिपुर के पूर्व CM के घर पर रॉकेट से हमला:1 की मौत, 5 घायल

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर शुक्रवार को दोपहर 3 बजे कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम से हमला किया। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए।

कांग्रेस नेता मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे 1963 से 1967, 1967 में 200 दिन और 1968 में 3 बार मणिपुर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका निधन 27 दिसंबर 1994 को हो चुका है।पुलिस के मुताबिक, कुकी उग्रवादियों ने पहाड़ी से करीब 4 किलोमीटर की दूरी से मोइरांग में रॉकेट बम से हमला किया। हमले के दौरान जिस बुजुर्ग की जान गई, वो धार्मिक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे।

शुक्रवार सुबह ही बिष्णुपुर जिले में स्थित मोइरांग से 4 किमी दूर ट्रोंगलाओबी इलाके में रॉकेट बम से हमला हुआ था। इसमें 2 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। मोइरांग में पहली बार बंदूक-बम से हमला हुआ है।

मणिपुर में पिछले साल मार्च में शुरू हुई हिंसा के बाद पहली बार ड्रोन हमला भी हुआ। 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किया था, जिसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हुए थे। 1 सितंबर को कोत्रुक गांव में भी ड्रोन से हमला किया गया था, जिसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए थे।

ऐसी आशंका है कि कुकी उग्रवादियों को ड्रोन वॉरफेयर के लिए म्यांमार से टेक्निकल सपोर्ट और ट्रेनिंग मिल रही है। मणिपुर सरकार ने इन ड्रोन अटैक की जांच करने के लिए हाईलेवल कमेटी का गठन किया है।

केंद्र सरकार ने पहली बार मणिपुर में एंटी ड्रोन मीडियम मशीन गन के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। यह फैसला 1-3 सितंबर के बीच राज्य में दो ड्रोन हमलों के बाद लिया गया है। राज्य में मार्च 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा चल रही है।

मणिपुर के DGP राजीव सिंह ने कहा था कि ड्रोन हमला नई घटना है। हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हमने दिल्ली में NSG के डायरेक्टर जनरल (DG) और उनकी टीम से बात की है। कई अन्य एक्सपर्ट्स भी आ रहे हैं। हमने ड्रोन हमलों की जांच और इन्हें रोकने के लिए एक समिति भी बनाई है।

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सिंह ने ये भी कहा कि हमारे पास इन्हें रोकने के कुछ उपाय हैं, जिन्हें हम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा जिन पहाड़ी इलाकों में हमले हुए हैं, वहां हमारे अभियान जारी हैं। मामले में हमें केंद्र भी पूरा समर्थन मिल रहा है। केंद्रीय बलों की करीब 198 कंपनियां यहां मौजूद हैं।इंफाल वेस्ट जिले के कौत्रुक गांव में ड्रोन अटैक के बाद दहशत है। यहां के सभी 17 परिवार गांव छोड़कर भाग गए हैं। सभी अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित जगहों जैसे इंफाल, खुरखुल और सेक्माई चले गए हैं। लोगों में डर है। उन्हें अंदेशा है कि एक बार फिर बड़े स्तर पर हिंसा भड़क सकती है।

कौत्रुक में रहने वाले प्रियोकुमार ने बताया कि गांव में अब तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं, जिससे डरकर सभी ने गांव छोड़ दिया है। इस बीच, कौत्रुक और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को डर है कि हिंसा भड़कने के कारण कॉलेज फिर से बंद हो सकता है।

कुकी-जो समुदाय के लोगों ने 31 अगस्त को मणिपुर के चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल में रैलियां निकालीं थी। इन संगठनों की मांग है कि मणिपुर में अलग कुकीलैंड बनाया जाए, जो केंद्र शासित प्रदेश हो। इन संगठनों का कहना है कि पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही राज्य को जातीय संघर्ष से बाहर निकालने का इकलौता रास्ता है।

हालांकि, मणिपुर सरकार का कहना है कि ऑडियो क्लिप में मुख्यमंत्री की आवाज से छेड़छाड़ की गई है। यह हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति की पहल को पटरी से उतारने के लिए किया जा रहा है।

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