पतंजलि विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट बोला-रामदेव हाजिर हों
Patanjali Misleading Ads Case
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सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने पर आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने को कहा है. अवामाना का नोटिस एलोपैथिक दवा के मामले में जारी किया गया था. इस केस से जुड़ी अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पहली नजर में दोनों (आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव) ने कानून का उल्लंघन किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि पतंजलि बीपी, मधुमेह, गठिया, अस्थमा, मोटापे को पूरा खत्म का दावा कैसे कर सकती है? ये ड्रग्स एंड मैजिक रैमिडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम का पूर्ण उल्लंघन है. एलोपैथी को इस तरह जनता की नजरों में गिराया/बदनाम नहीं किया जा सकता. एलोपैथी जैसी चिकित्सा की किसी अन्य विधि की आलोचना नहीं कर सकते.
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फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापनों में छपे फोटो के आधार पर नोटिस जारी किया था. सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि और बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस भेजकर बीमारियों के इलाज पर भ्रामक विज्ञापनों को लेकर जवाब मांगा था. कोर्ट ने पूछा था कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि उन्होंने 21 नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट को दिए गए वादे का उल्लंघन किया था.
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