मीरा मेडिकल इंस्टीट्यूट अबोहर में गैर संचारी रोगों पर कार्यशाला आयोजित
फाजिल्का 19 मार्चसमाज में बढ़ रहे गैर संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन फाजिल्का डॉ. चंद्र शेखर की अध्यक्षता में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक विस्तार शिक्षकों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, ब्लॉक स्टेटिक सहायकों, कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए गैर […]
फाजिल्का 19 मार्च
समाज में बढ़ रहे गैर संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन फाजिल्का डॉ. चंद्र शेखर की अध्यक्षता में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक विस्तार शिक्षकों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, ब्लॉक स्टेटिक सहायकों, कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए गैर संचारी रोगों पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिले में मीरा मेडिकल इंस्टीट्यूट अबोहर में गया इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. चंद्र शेखर ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक मौतें गैर संचारी रोगों जैसे मधुमेह, कैंसर, रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय रोग के कारण होती हैं। अगर समय रहते इन बीमारियों का निदान और इलाज किया जाए तो इनके दुष्प्रभाव और मौतों से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 36 प्रतिशत लोग रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित हैं, जो कई बीमारियों का कारण बन रही है, इसलिए 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को रक्तचाप की जांच करानी चाहिए और उच्च रक्तचाप वाले लोगों की भी जांच करानी चाहिए। एक पोर्टल के माध्यम से डेटा तैयार किया जा रहा है ताकि उनकी निगरानी और इलाज नियमित रूप से किया जा सके। इस संबंध में जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक सांख्यिकी सहायक, स्टाफ नर्स इस पोर्टल तक पहुंचें। जानकारी दी जा रही है। कहा कि उच्च रक्तचाप एक विशिष्ट हृदय रोग है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है।
फिलहाल जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. कविता सिंह ने कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हर साल मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर की जांच करानी चाहिए। डॉ. बदिशा दास ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि रक्तचाप बढ़ने से लोगों को दिल का दौरा, मस्तिष्क धमनी का टूटना, हृदय गति रुकना, किडनी खराब होना, मधुमेह, आंखों की रोशनी कम होना, मानसिक तनाव और चिंता आदि बीमारियां हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग शराब एवं तंबाकू उत्पाद, वसायुक्त, तला-भुना, फास्ट फूड, मसालेदार चीजें, शीतल एवं कठोर पेय, तंबाकू एवं सिगरेट का सेवन करने तथा शारीरिक श्रम न करने से इस रोग के शिकार हो जाते हैं। हमें और हमारे बच्चों को इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए और संतुलित आहार, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल खाना चाहिए। अपना वजन नियंत्रण में रखें। नमक और चीनी की मात्रा कम होनी चाहिए। योग और ध्यान से मानसिक तनाव कम करें। आज के जीवन में मानसिक तनाव को कम करने के लिए अपने बच्चों और बुजुर्गों के साथ समय बिताएं और उनके साथ कुछ समय खेलें। रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना और व्यायाम करना चाहिए। धूम्रपान और शराब से बचें। उच्च रक्तचाप का आंखों पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए चिकित्सकीय सलाह के अनुसार नियमित दवा लें। वर्तमान में डॉ. बदीशा दास, राजवंत कौर एसटीएस, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. जी। एस. मित्तल चेयरमैन, डॉ. राम सरूप शर्मा प्रिंसिपल, रहीश वाइस प्रिंसिपल, राजेश कुमार डीपीएम, डॉ. सम्मान मिड्डा, डॉ. सुखमन कौर, डॉ. दुष्यंत यादव, डॉ. सक्षम कंबोज विनोद खुराना जिला मास मीडिया, ब्लॉक एजुकेटर दिवेश कुमार हरमीत सिंह सुनील टंडन सुशील कुमार, राजेश कुमार बलजीत सिंह मौजूद रहे।