रबर फसलों के संबंध में जागरूकता शिविर का आयोजन
श्री मुक्तसर साहिब, 20 फरवरी: इस शिविर के दौरान डाॅ. करमजीत शर्मा ने गृह वाटिका के महत्व के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की उत्पादन तकनीक विकसित की है, जिसे अपनाकर किसान अपना मुनाफा बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं। इसके […]
श्री मुक्तसर साहिब, 20 फरवरी:
कृषि विज्ञान केंद्र, श्री मुक्तसर साहिब ने आज गांव बोदीवाला खरक सिंह वाला में शुष्क मौसम की फसलों के संबंध में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया, जिसमें गांव के लगभग 60 बुद्धिमान किसानों ने भाग लिया। इस शिविर की अध्यक्षता डाॅ. करमजीत शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर (प्रशिक्षण), केवीके, श्री मुक्तसर साहिब।
इस शिविर के दौरान डाॅ. करमजीत शर्मा ने गृह वाटिका के महत्व के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की उत्पादन तकनीक विकसित की है, जिसे अपनाकर किसान अपना मुनाफा बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने के.वी.के. की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया और किसानों को कृषि के साथ-साथ कृषि सहायता व्यवसाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस शिविर के दौरान डाॅ. गुरमेल सिंह संधू, सहायक प्रोफेसर (पौधा संरक्षण) ने गेहूं और सरसों के कीटों और बीमारियों की पहचान और रोकथाम पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि कीड़ों व बीमारियों की रोकथाम के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिशों के अनुसार छिड़काव करना चाहिए।
एक अवसर पर डॉ. सहायक प्रोफेसर (फसल विज्ञान) विवेक कुमार ने कहा कि गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए गेहूं की गोभी अवस्था में पोटेशियम नाइट्रेट (13-0-45) 2.0% का छिड़काव करना चाहिए। इसी तरह उन्होंने कैनोला सरसों की खेती के बारे में भी किसानों से जानकारी साझा की.
शिविर के अंत में डाॅ. सुखजिंदर सिंह, सहायक प्रोफेसर (फल विज्ञान) ने फलों और सब्जियों के पोषण संबंधी महत्व को समझाया और किसानों को घरेलू उद्यान शुरू करने की सलाह दी और शिविर में आए किसानों को धन्यवाद दिया। किसानों द्वारा विभिन्न कृषि मुद्दों से संबंधित प्रश्न पूछे गए जिनका मौके पर ही विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिया गया।