क्या आज खुलेगा शंभु बॉर्डर ! , सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई , किसानो के साथ बैठक जारी रखने का आदेश
शंभू- खनौरी बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (गुरुवार को) सुनवाई टल गई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों के साथ बैठकें जारी रखने के आदेश दिए हैं। वहीं, पंजाब को तीन दिन में अन्य कमेटी सदस्यों के नाम देने को भी कहा है। अगली सुनवाई 2 सितंबर को निर्धारित की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा- दोनों राज्यों के वकील इस अदालत द्वारा गठित की जाने वाली समिति के लिए मुद्दों का प्रस्तावित विषय प्रस्तुत करेंगे। हमने स्पष्ट किया है कि समिति का संदर्भ एक व्यापक अधिदेश होगा ताकि जो मुद्दे बार-बार कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर रहे हैं, उन्हें निष्पक्ष और उचित तरीके से सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सके।
इस संबंध में अतिरिक्त समिति सदस्य के नाम सहित 3 दिन के भीतर निर्धारित किया जाना आवश्यक है। राज्यों के प्रतिनिधि किसानों से मिलना जारी रखेंगे और सुनवाई की अगली तारीख पर ऐसी बैठकों के परिणामों की जानकारी देंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया था। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बुधवार को पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों की वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक हुई थी, जिसमें पटियाला के डीसी शोहकत अहमद पर्रे, पंजाब पुलिस के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला, डीसी अंबाला पार्थ गुप्ता व एसपी अंबाला सुरेंद्र सिंह भौरिया समेत दोनों राज्यों के कई अधिकारी मौजूद थे।
मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। किसानों ने मीटिंग में साफ कहा कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है। यह रास्ता हरियाणा सरकार व पुलिस की तरफ से रोका गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने बुधवार किसानों पर आरोप लगाया कि कई किसान नेताओं को विदेशी फंडिंग मिल रही है। किसान तो अपने खेतों और पानी की मोटरों में व्यस्त है। बिट्टू ने कहा कि अगर कोई बम, पत्थर, कृपाण लेकर दिल्ली जाएगा तो उसे रोका ही जाएगा। बिट्टू ने केंद्र के प्रोजेक्टों के लिए जमीन एक्वायर न करने देने को लेकर किसान नेताओं पर ब्लैकमेल करने के भी आरोप लगाए।
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।