Naked Festival में पहली बार महिलाएं भी शामिल; जापान में बदला 1250 साल का इतिहास
Japan hadaka matsuri festival
Japan hadaka matsuri festival
सिर्फ लंगोटी पहने 10 हजार पुरुष और उनके बीच में बैंगनी रंग का लंबा गाउन, सफेद शॉर्ट्स पहने महिलाएं मंत्रोच्चारण करते हुए एक दूसरे को धक्का मारते हुए आगे बढ़ते है। हर साल यह पारंपरिक अनुष्ठान मध्य जापान के कोनोमिया श्राइन में किया जाता है, जिसे जापान नेकड फेस्टिल, नग्न महोत्सव या हदाका मत्सुरी कहा जाता है। पिछले 1250 वर्षों से यह परपंरा जापान में निभाई जा रही है, लेकिन इस साल पहली बार ऐसा हुआ कि इसमें महिलाओं ने भी हिस्सा लिया, जिन्हें देखने के लिए पूरे जापान से जनसैलाब उमड़ा। इस फेस्टिवल में पुरुष उस एक शख्स को छूने का प्रयास करते है, जिसे पवित्र मानकर उस दिन भगवान का स्वरूप बनाकर पेश किया जाता है। इस दौरान उन पर फेंके जाने वाले ठंडे पानी से खुद को शुद्ध करते हैं और फिर मुख्य मंदिर में जाते है, जहां उनके द्वारा लाई गई छड़ी भगवान को अर्पित की जाती है।
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मान्यता है कि मंदिर की परिक्रमा करके ठंडे पानी से शुद्ध होकर छड़ी अर्पित करने से बुरी आत्माएं भाग जाती है। उत्सव में हिस्सा लेने वालीं 56 वर्षीय तमाकोशी बताती हैं कि महिलाओं को हदाका मत्सुरी में हिस्सा लेने की अनुमति 2 शर्तों पर मिली, एक वे पूरे कपड़े पहनेंगी और दूसरी पुरुषों से दूर रहेंगी। जापान के कई संगठनों ने विरोध भी जताया कि महिलाएं पुरुषों के उत्सव में क्या कर रही है? यह सिर्फ पुरुषों का त्योहार है, लेकिन 40 महिलाओं के ग्रुप ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और छड़ी लेकर आगे बढ़ती रहीं। फिर मंदिर में अपनी एंट्री का इंतजार किया। पूरे ग्रुप ने शिन ओटोको, ‘पुरुष देवता’ को भी छुआ, जैसे कि परंपरा है, पुरुष देवता को छूने का मतलब बुरी आत्माओं को दूर भगाना है। उस समय लगा कि वाकई जापान में समय बदल गया है। युमिको फ़ूजी ने BBC को बताया कि हदाका मत्सुरी फेस्टिवल में हिस्सा लेकर महिलाओं ने न केवल लैंगिक बाधाओं को तोड़ा, बल्कि सामाजिक नियमों का पालन करते हुए हजारों साल पुरानी परंपरा को भी जीवित रखा। फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए कई हफ्ते अभ्यास भी किया। मीडिया और दर्शकों की निगाहें भी महिलाओं पर थी। जब महिलाओं ने कोनोमिया शिंटो मंदिर में एंट्री की तो पुरुषों की तरह उन पर ठंडे पानी का छिड़काव किया गया।इसके बाद पवित्र छड़ी अर्पित करने के बाद महिलाएं खुशी के मारे चिल्लाने लगती है।
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