डेरा मुखी राम रहीम की बड़ी मुश्किलें , SC करेगा रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी करने के हाईकोर्ट की जांच
सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सिंह को रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी किए जाने से जुड़े मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसी साल 28 मई को इस केस में राम रहीम और 4 अन्य लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
हाईकोर्ट के इसी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट इसकी जांच करने पर सहमत हो गया। इसी कड़ी में सोमवार को राम रहीम और बाकी पक्षों को नोटिस जारी करके उनसे 4 हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
दरअसल रणजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम और चार अन्य लोगों को बरी करने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। यह याचिका जगसीर सिंह की ओर से उनके एडवोकेट सत्यमित्रा ने दायर की। इसमें हाईकोर्ट के 28 मई के आदेश को चुनौती दी गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने राम रहीम और अन्य चार लोगों को नोटिस जारी किए।
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि नवंबर 2023 में जांच करने वाली सीबीआई अपराध के मकसद को स्थापित करने में विफल रही और इसके बजाय आरोपी पक्ष का मामला "संदेह में घिरा हुआ" था। सिरसा मुख्यालय वाला डेरा प्रमुख राम रहीम, जो अपनी 2 महिला शिष्य के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहा है, वर्तमान में हरियाणा के रोहतक में सुनारिया जेल में बंद है।
10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में डेरे के अनुयायी रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर उनकी हत्या एक गुमनाम पत्र के सामने आने के बाद संदिग्ध भूमिका के लिए की गई थी। जिसमें बताया गया था कि कैसे डेरा प्रमुख राम रहीम द्वारा डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा था।
बरी करने का फैसला हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम और चार अन्य द्वारा दायर अपील पर आया था। जिन्हें अक्टूबर 2021 में हरियाणा के पंचकूला में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में राम रहीम, अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। एक आरोपी इंदर सैन की 2020 में मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी।
राम रहीम को अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि गुमनाम पत्र के प्रसार के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची। 2017 में राम रहीम को 2 महिला शिष्य से बलात्कार के लिए 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। डेरा प्रमुख और 3 अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में भी दोषी ठहराया गया था।