डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस अधिकारियों को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण लोक सभा मतदान करवाने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 19 मार्चः आगामी लोक सभा मतदान-2024 को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने को यकीनी बनाने के मद्देनज़र पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को राज्य के सभी सीपीज़/ एसएसपीज़ को अंतरराज्यीय/ अंतर- ज़िला नाके लगा कर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं जिससे समाज विरोधी तत्वों, […]
चंडीगढ़, 19 मार्चः
आगामी लोक सभा मतदान-2024 को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने को यकीनी बनाने के मद्देनज़र पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को राज्य के सभी सीपीज़/ एसएसपीज़ को अंतरराज्यीय/ अंतर- ज़िला नाके लगा कर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं जिससे समाज विरोधी तत्वों, नशा तस्करों और बूटलैगरों की गतिविधि पर मुस्तैदी के साथ पैनी नजर रखी जा सके और क्षेत्र में पुलिस के सकारात्मक प्रभाव और भरोसे को बढ़ाने के लिए के लिए अधिक से अधिक संख्या लामबंद की जा सके।
डीजीपी पंजाब अपने दफ़्तर से वीडियो कानफरंसिंग के द्वारा सीनियर पुलिस अधिकारियों, रेंज के एडीजीज़/ आईजीज़/ डीआईजी, सीपीज़/ एसएसपीज़, जिलों में तैनात सभी गज़टिड अधिकारियों और राज्य के सभी एसएचओज़ के साथ मतदान से पहले रोकथाम उपायों का जायज़ा लेने के लिए राज्य स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। मीटिंग के दौरान डीजीपी ने अधिकारियों को भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशा- निर्देशों से भी अवगत करवाया।
राज्य में सकारात्मक माहौल बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए, डीजीपी गौरव यादव ने सभी पुलिस अधिकारियों को पेशेवर पुलिसिंग करने और आदर्श चुनाव आचार संहिता की हर पक्ष से सख्ती के साथ पालना करने और निर्वाचन आयोग की सभी हिदायतों और दिशा निर्देशों की पालना को यथावत यकीनी बनाने के निर्देश दिए जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान करवाये जा सकें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की हिदायतों को पूरी लगन के साथ आगे फैलाया जाना चाहिए।
डीजीपी गौरव यादव ने अधिकारियों को जानकारी देते हुये बताया कि नये हथियार लायसेंस जारी करने पर मुकम्मल पाबंदी है। उन्होंने सीपीज़/ एसएसपीज़ को भी हिदायत की कि वह निर्वाचन आयोग के नियमों की पालना करते हुये लाईसेंसी हथियारों को जमा कराए जाने को यकीनी बनाएं।
उन्होंने सीपीज़/ एसएसपीज़ को सुरक्षा प्रबंधों का जायज़ा लेने के लिए गन्न हाऊसों की बार-बार चैकिंग करने और यह यकीनी बनाने के लिए भी कहा कि गन्न हाऊस मालिकों की तरफ से हथियारों की सुरक्षित स्टोरेज़ के लिए पुख़्ता प्रबंध किये जाएँ।
उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशील और अति-संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करके इन क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए जिससे आम मतदान से पहले किसी भी असुखद स्थिति या घटना से बचने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की जा सके। उन्होंने समूह अधिकारियों को यह भी हिदायत की कि वह घृणित अपराधों में शामिल दोषियों को काबू करने के लिए विशेष प्रयास करें और मतदान से सम्बन्धित आपराधिक मामलों की जांच और मुकदमे की कार्यवाही में तेज़ी लाएं।
डीजीपी ने अधिकारियों को नशीले पदार्थों और नाजायज शराब की आमद को रोकने के लिए राज्य में दाखि़ल होने और बाहर जाने वाले वाहनों, ख़ास कर व्यापारिक वाहनों की चैकिंग में तेज़ी और मुस्तैदी लाने के हुक्म दिए। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों, अपराधियों और गैंगस्टरों के विरुद्ध शुरु की मुहिम में कोई कोताही या ढील न बरती जाये।
उन्होंने कहा कि भगौड़े अपराधियों और पैरोल मियाद बीत जाने के उपरांत भी जेल न लौटने वाले दोषियों को गिरफ़्तार करने और ग़ैर-ज़मानती वारंटों ( एन. बी. डब्ल्यू.) को अमल में लाने के लिए पहले ही विशेष मुहिम चलाई जा रही है।
ज़िक्रयोग्य है कि 1 जनवरी, 2024 से शुरू की इस विशेष मुहिम से लेकर अब तक पुलिस टीमों ने 2890 भगौड़े अपराधियों को गिरफ़्तार किया है, जबकि सी. आर. पी. सी. एक्ट की धाराओं 107/ 151 के अंतर्गत 2456 व्यक्तियों के विरुद्ध एहतियातन कार्यवाही की गई है। इसी तरह कुल 2110 ग़ैर- ज़मानती वारंटों में से, 1175 ग़ैर- ज़मानती वारंटों को सफलतापूर्वक अमल में लाया गया है।
बताने योग्य है कि राज्य के संवेदनशील जिलों में केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बलों ( सीएपीऐफ) की 25 कंपनियाँ तैनात की गई हैं जिससे आम लोगों में विश्वास पैदा करने के साथ-साथ राज्य में संवेदनशील और अति- संवेदनशील क्षेत्रों में मुस्तैदी के साथ निगरानी की जा सके। राज्य में तैनात की गई 25 कंपनियों में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बलों (सीआरपीएफ) की 5 कंपनियाँ, सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ) की 15 कंपनियाँ और इंडो- तिब्बत बार्डर पुलिस ( आईटीबीपी) की 5 कंपनियाँ शामिल हैं।
डीजीपी ने समूह अधिकारियों को एक बढ़िया अंतर- विभागीय तालमेल और सहयोग करने के लिए कहा जिससे शांतिपूर्ण ढंग के साथ मतदान को यकीनी बनाने के लिए सभी हिस्सेदार और विभाग मिलकर काम कर सकें।