हिमाचल के शहीद नायब सूबेदार को अंतिम विदाई:9 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

हिमाचल के शहीद नायब सूबेदार को अंतिम विदाई:9 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए नायब सूबेदार राकेश कुमार (42) का आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को उनके 9 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

उनका पार्थिव शरीर आज ही उनके पैतृक गांव मंडी के बरनोग पहुंचा था। शव आते ही पत्नी-बच्चों समेत परिजन और रिश्तेदार उससे लिपट कर रोने लगे। आसपास के सैकड़ों लोग भी पहुंचे थे। शहीद का पार्थिव शरीर आते ही लोग 'शहीद अमर रहे' और 'भारत माता की जय' के उद्घोष करने लगे थे।

राकेश कुमार का पार्थिव शरीर बीती शाम को जम्मू से हेलिकॉप्टर में मंडी के कंगनीधार हेलिपैड पर लाया गया था। वहां से नेरचौक मेडिकल कॉलेज में आया। आज सुबह 8 बजे ही शरीर को उनके पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया था। जिसके बाद पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए घर पर रखा गया।

परिवार के मुताबिक राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली मना कर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। जिसके बाद बीते रविवार (10 नवंबर) को किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। वे सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।

राकेश 2 बच्चों के पिता थे। वह अपने पीछे माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और 2 बच्चों यशस्वी (14) और प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर तैनात थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। शहीद के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है।

जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार का 10 कमरों का मकान पिछली बरसात में 13 अगस्त 2023 की रात को ढह गया था। इसके बाद से राकेश कुमार का परिवार किराए के मकान में रह रहा है। भाई कर्म सिंह के मुताबिक, राकेश को दिसंबर में छुट्‌टी आना था। तब घर का काम शुरू करना था। इसके बाद गृह प्रवेश करना था।

बता दें कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। नायब सूबेदार राकेश कुमार भी इस दल का हिस्सा थे। इसी दौरान तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका।

यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है, जहां 7 नवंबर को विलेज डिफेंस ग्रुप (VDG) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के शव मिले थे। यहीं पर आतंकियों के साथ तलाशी दल की मुठभेड़ हुई। इसमें गोली लगने से नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, 3 जवान घायल हुए। उनका इलाज चल रहा है।

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

 

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