पर्यावरण की सुरक्षा हम सभी की सांझा ज़िम्मेदारी : मीत हेयर

पर्यावरण की सुरक्षा हम सभी की सांझा ज़िम्मेदारी : मीत हेयर

चंडीगढ़, 7 मार्चः पंजाब विधान सभा में आज पर्यावरण के संरक्षण और वन अधीन क्षेत्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर बोलते हुये कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा हम सभी की सांझा ज़िम्मेदारी है और इस मुहिम की सफलता के लिए लोगों की शमूलियत यकीनी बनानी पड़ेगी। इसलिए लोगों को […]

चंडीगढ़, 7 मार्चः

पंजाब विधान सभा में आज पर्यावरण के संरक्षण और वन अधीन क्षेत्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर बोलते हुये कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा हम सभी की सांझा ज़िम्मेदारी है और इस मुहिम की सफलता के लिए लोगों की शमूलियत यकीनी बनानी पड़ेगी। इसलिए लोगों को जागरूक करना सबसे ज़रूरी है। वन अधीन क्षेत्र बढ़ाने की वकालत करते हुये उन्होने कहा कि गाँवों की पंचायती ज़मीनों और अपने रिहायशी स्थानों पर अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिएं। 

मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण के संरक्षण के लिए निरंतर यत्न किये जा रहे हैं। सरकारी शैक्षिक अदारों में सोलर पैनल लगाने, एक बार प्रयोग वाले प्लास्टिक पर पूर्ण पाबंदी के साथ औद्योगिक प्रदूषण को रोकने सहित अन्य कई प्रोजैक्ट शुरू किये हैं। पौधे लगाने को प्राथमिकता दी गई। सरकार ने पराली के प्रबंधन में एक्स सीटू और इन सीटू काम किये जिसके नतीजे के तौर पर पराली जलाने के 30 प्रतिशत केस घटे और यह लक्ष्य और बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब विधान सभा के स्पीकर द्वारा पिछले कई सालों से पराली न जलाने वाले किसानों को बुला कर सम्मान करके अन्य किसानों को भी प्रेरित किया गया। उन्होने कहा कि लोगों को जागरूक करना और ख़ुद इसकी पहलकदमी करके उदाहरण पेश करने की ज़रूरत है। पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए लगाए जा रहे उद्योगों को स्थानीय निवासी बढ़ावा दें। 

मीत हेयर ने कहा कि प्रदूषण की समस्या पिछले दो सदियों से शुरू हुई और औद्योगिक तरक्की के साथ इस में भी विस्तार हुआ। हवा प्रदूषण सेहत के लिए विश्वव्यापी संकट है जो दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है। उन्होने कहा कि कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाऊन के दौरान नीला आसमान देखने को मिला। पंजाब से धौलधर और शिवालिक पहाड़ियों की रेंज साफ़ दिखाई देने लग गई थी जिससे सपस्शट है कि यह समस्या हमनें स्वयं पैदा की है। उन्होने कहा कि पिछले समय से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 7 सितम्बर को नीला आसमान दिवस मनाने की शुरुआत की गई। 

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